बिहार दिवस 2024

इतिहास और महत्त्व:

  • बिहार राज्य के गठन के उपलक्ष्य में हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है।
  • यह दिन 1912 में बंगाल से राज्य के अलग होने और ब्रिटिश भारत में एक स्वतंत्र प्रांत के रूप में इसकी स्थापना की वर्षगांठ का प्रतीक है।

समारोह और कार्यक्रम:

  • समारोहों में आमतौर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनियां और कार्यक्रम शामिल होते हैं जो बिहार के समृद्ध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करते हैं।
  • पिछले वर्षों में, समारोह गांधी मैदान और आसपास के सभागारों में आयोजित किए जाते थे, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया जाता था।
  • हालांकि लोकसभा चुनाव की घोषणा के चलते इस साल राज्य स्तरीय कोई कार्यक्रम नहीं होगा। इसके बजाय सभी जिलों में स्थानीय प्रशासन राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम आयोजित करेगा।

बिहार दिवस 2024 के लिये पहल:

  • सारण जिला शुक्रवार को विभिन्न ट्रेनों में मतदान के महत्व के बारे में जागरूकता अभियान चलाकर बिहार दिवस मना रहा है।
  • जागरूकता अभियान भारत निर्वाचन आयोग के व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी (एसवीईईपी) कार्यक्रम के तहत आयोजित किया जाएगा।
  • छपरा में, राजेंद्र स्टेडियम से एक रैली शुरू होगी और प्रतिभागी जागरूकता फैलाने के लिए यात्री ट्रेनों के विभिन्न डिब्बों का दौरा करेंगे। इसी तरह के अभियान मढ़ौरा और सोनपुर उप-मंडलों में चलाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संदेश:

  • मुख् यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस के अवसर पर बिहार के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
  • उन्होंने लोगों के बीच एकता, भाईचारे, सामाजिक सद्भाव और सद्भावना के महत्व पर जोर देते हुए आशा व्यक्त की कि बिहार प्रगति और समृद्धि जारी रखेगा।
  • उन्होंने बिहार को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाने और इसके गौरव को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व:

  • बिहार अपने समृद्ध इतिहास और विरासत के लिए जाना जाता है। यह वह भूमि है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था और जहां जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर का जन्म हुआ था।
  • यह दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान भी है, और चंद्रगुप्त मौर्य, चाणक्य और आर्यभट्ट जैसी कई महान हस्तियों की भूमि रही है।
  • बिहार में कई ऐतिहासिक स्थल और स्मारक हैं, जिनमें प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय भी शामिल है, जिसे हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान के रूप में पुनर्जीवित किया गया है।

समाप्ति:

  • बिहार दिवस न केवल राज्य के गठन का उत्सव है, बल्कि इसके गौरवशाली अतीत का प्रतिबिंब है और भविष्य के लिए इसकी क्षमता की याद दिलाता है।
  • यह बिहार की सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक महत्व और राष्ट्र में योगदान का जश्न मनाने का दिन है।

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