प्रभा वर्मा को सरस्वती सम्मान 2023 मिला

Prabha Varma Bags Saraswati Samman 2023

पुरस्कार विवरण: प्रभा वर्मा, एक प्रसिद्ध कवि और साहित्यकार, को उनके उपन्यास ‘रौद्र सत्विकम’ के लिए K K बिड़ला फाउंडेशन द्वारा 2023 के लिए प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया गया।

उपन्यास विवरण: ‘रौद्र सत्वकम’ 2022 में काव्य पद्य में एक उपन्यास के रूप में प्रकाशित एक काव्य कृति है। यह समय और स्थान को पार करते हुए सत्ता और राजनीति, व्यक्ति और राज्य, और कला और शक्ति के बीच संघर्ष को एक अनोखे तरीके से तल्लीन करता है।

चयन प्रक्रिया: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सीकरी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने प्रभा वर्मा को पुरस्कार के लिए चुना।

प्रभा वर्मा के बारे में:

  • प्रभा वर्मा का जन्म 1959 में केरल के तिरुवल्ला में हुआ था।
  • साहित्यिक कृतियाँ: उन्होंने 30 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जिनमें कविताओं का संग्रह, पद्य में उपन्यास, समकालीन सामाजिक-राजनीतिक परिवेश और साहित्य पर पुस्तकें और आलोचना में निबंधों का संग्रह शामिल है।
  • उल्लेखनीय कार्य: उनकी कुछ उल्लेखनीय कृतियों में “सौपर्णिका, अर्कपूरनिमा, श्यामा माधवम, चंदना नाज़ी, आर्द्रम और कनाल चिलंबु” शामिल हैं।
  • प्रभा वर्मा को केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार, केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलर पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ फिल्म गीत के लिए राज्य और फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है।
  • वर्तमान भूमिका: वह केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के मीडिया सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं।

सरस्वती सम्मान अवलोकन:

  •  सरस्वती सम्मान पहली बार 1991 में हरिवंश राय बच्चन को उनकी चार खंडों की आत्मकथा के लिए दिया गया था।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य पिछले 10 वर्षों में किसी भी भारतीय भाषा में एक भारतीय नागरिक द्वारा प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक कार्यों को मान्यता देना है।
  • पुरस्कार: पुरस्कार में 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक प्रशस्ति पत्र और एक पट्टिका शामिल है।
  • हाल के विजेता: पिछले विजेताओं में क्रमशः 2005 और 2012 में कवि के अयप्पा पनिकर और सुगाताकुमारी शामिल हैं।

के के बिड़ला फाउंडेशन:

  • स्थापना: फाउंडेशन की स्थापना प्रसिद्ध उद्योगपति कृष्ण कुमार बिड़ला ने 1991 में की थी।
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य उत्कृष्ट साहित्यिक कार्यों को मान्यता देकर भारतीय साहित्य को बढ़ावा देना है।
  • अन्य पुरस्कार: फाउंडेशन हिंदी और राजस्थानी भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक कार्यों के लिए क्रमशः बिहारी पुरस्कार और व्यास सम्मान भी प्रदान करता है।

 

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